इस दुनिया में कोई
जन्म से ही महान नहीं रहा है। लोग महान बनते हैं अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति से। इस धरती पर ऐसे ही बहुत मनुष्य जो आज अपनी मेहनत और परिश्रम से आम से खास बने हैं। कई ऐसे लोग है जो अपने करिश्में से सभी को आश्चर्यचकित कर देते हैं। ऐसे ही एक साधु हैं जिन्होंने मनुष्य की क्षमताओं से भी एक कदम आगे बढ़कर कुछ ऐसा कर दिखाया है जो उन्हें एक महामानव साबित करता है।
साधु अमर भारती संन्यासी बनने से
पहले एक बैंक कर्मचारी हुआ करते थे। उनका एक परिवार था, घर था और नौकरी थी पर अचानक एक दिन उनका मन अध्यात्म की ओर बढ़ गया। जिसके बाद उन्होंने सब कुछ त्याग कर धर्म की राह पकड़ ली और साधु बन गए। उन्होंने अपना बचा हुआ पूरा जीवन भोलेनाथ को समर्पित कर दिया।
साधु अमर भारती ने
एक दो या तीन साल नहीं बल्कि 48 सालों से अपना एक हाथ हवा में उठा रखा है। इतने सालों में एक बार भी उन्होंने अपना हाथ नीचे नहीं किया। इन्होंने धर्म और आस्था के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण कार्य किए है। ऐसे में कई लोग उनके इस कारनामे को चमत्कार कहते है। वहीं बहुत से लोग इसे उनकी बेवकूफी भी बता रहे है। लेकिन फिर भी साधु अमर भारती का ये हैरान करने वाला काम चमत्कार से कम नहीं है।
एक आम व्यक्ति के
सिर्फ कुछ मिनटों के लिए हवा में हाथ खड़ा कर पाना नामुमकिन सा है पर साधु अमर भारती के लिए यह शिव को आराधना है और संसार में शांति बनाए रखने किए एक योगदान है।
अपने एक इंटरव्यू के दौरान
अमर भारती ने बताया कि उन्हें ये काम करने के लिए शिव से शक्ति मिली हुई है। इसके अलावा वह इसके जरिए दुनिया में शांति स्थापित करना चाहते थे। शुरू-शुरू में तो उन्हें काफी दर्द हुआ। लेकिन आस्था की प्रबल शक्ति के दम पर अमर भारती ने साल 1973 से अपने एक हाथ को हवा में खड़ा किया हुआ है।