मध्यप्रदेश के भीमपुर खैरी ब्लॉक में एक ऐसी घटना हुई है जिसके बारें में सोचकर लगता है की लोग आज भी कितने पिछड़े हुए है। एक छोटी सी घटना पर बिना सोचे समझे अगर हम किसी तरह का कार्य कर जाते है तो आप सोच सकते हो की उसका अंजाम कितना बड़ा और खतरनाक हो सकता है।
इस गाँव में एक दादी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है, यहाँ पर एक बच्चे का कंधा टूट गया था तो वह घर गया लेकिन घर में उसकी दादी ने उसके साथ ऐसा काम किया की 9 साल का बच्चा अब अस्पताल में है आइये जानते है पूरा मामला –
कंधा टुटा तो घर गया आयुष
आयुष नाम का लड़का जिसकी उम्र महज 9 वर्ष है वह सड़क पर खेल रहा था लेकीन अचानक वह गिर गया और उसका बायाँ कंधा टूट गया। कंधा टूटने के बाद वह घर गया और अपनी दादी को यह बताया तो दादी ने पुराने तरीकों को अपनाते हुए बच्चे को
50 बार डमा दे दिया जिसकी वजह से बच्चा पूरी तरह से झुलस गया और उसकी हालत गंभीर हो गई। यह पुरानी तकनीक पहले काम करती थी अब बच्चों में इतनी क्षमता नहीं है यह दादी भूल गई और 50 बार डमा दे दिया।
डमा क्या होता है
अगर आपको पता नहीं है की डमा क्या होता है तो हम आपको बता दें की लोहे की छड़ को गर्म करके चोट वाली स्थान पर लगाया जाता है ऐसा करने से दर्द कम हो जाता है लेकिन यह बहुत पुराणी पद्दति है आज कल इस तरह का कृत्य किसी की जान ले सकता है और आयुष के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
वह तो शुक्र मनाओ की बच्चे की माँ सही समय पर ड्यूटी से लौट आई वरना बच्चे की जान चली जाती अभी वह सामुदायिक अस्पताल में भर्ती है।
बच्चे की माँ है आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
बच्चे की माँ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और उसे जैसे ही पता चला की आयुष को डमा दिया जा रहा है वह ड्यूटी छोड़कर घर आई और आयुष को बचाया उसकी दादी ने उसे 50 बार डमा दे दिया था जिससे वह पूरी तरह से झुलस गया और उसे सांस लेने में भी प्रॉब्लम होने लगी।
माँ उसे सामुदायिक अस्पताल लेकर गई वहां बच्चे की हालत में कुछ सुधार है लेकिन बच्चे का कंधा पूरी तरह से जल गया है और वह दर्द के मारे काफी कमजोर हो गया है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह की घटना पुराने तरीको को अजमाने में हो जाती है।
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