Saturday, March 11, 2023

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12 ज्योतिर्लिंगों का पुण्य देता है 525 शिवलिंगों वाला कोटा का शिवपुरी

सावन में पहले

सोमवार को प्रदेश में जगह-जगह शिव भक्त शिव को रिझाने के लिए पूजा- अर्चना और अभिषेक कर रहे हैं. सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है. इस महीने में हर कोई भगवान भोलेनाथ को जल, दूध, बेलपत्र अर्पण करते हुए विशेष पूजा-अर्चना करता है. इसी के तहत कोटा में एक ऐसा मंदिर है जहां स्वास्तिक की रचना में पूरे 525 शिवलिंग स्थापित किए हुए हैं. जहां भक्तों का तांता लगा रहता है. कोटा के थेकड़ा इलाके में स्थित शिवपुरी धाम का भी अपना विशेष महत्व है. मंदिर की स्थापना भी नेपाल के काठमांडू में स्थित भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर से जुड़ी हुई है. इस मंदिर के संरक्षक नागा साधु सनातन पुरी महाराज हैं. जिनके गुरुदेव दिवंगत राणाराम पुरी महाराज ने मंदिर की 35 साल पहले कठिन योग, तप और साधना के बाद स्थापना की थी. सनातन पुरी महाराज का कहना है कि मंदिर में 525 शिवलिंग हैं. इनको जोड़ने पर 12 आता है. ऐसे में यहां दर्शन और पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को 12 ज्योतिर्लिंग का फल मिलता है.

पशुपतिनाथ में दर्शन नहीं होने पर संकल्प के साथ बनवाया मंदिर

सनातन पुरी महाराज बताते हैं कि दिवंगत नागा साधु राणा रामपुरी महाराज थेगड़ा में शिवपुरी धाम की जगह पर रहते थे. तब यहां पर मंदिर नहीं था. वे 1980 के आसपास नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए. वहां भगवान शिव को अर्पण करने के लिए प्रसाद, बेलपत्र, अगरबत्ती और मालाएं इत्यादि लेकर गए लेकिन मंदिर में नहीं ले जाने दिया गया. साथ ही हर मंदिर में एक ही मूर्ति थी जिससे दर्शन के लिए लाइन लगी थी. पूजा सामग्री को पुलिसकर्मी ले लेते थे. इसके चलते श्रद्धालुओं को चंद सेकंड ही दर्शन के लिए भगवान दिखाई देते. भक्त ठीक से अपनी मनोकामना भी नहीं मांग सकते थे. ऐसे में नागा साधु राणाराम पुरी ने तय किया कि ऐसा धाम बनाएंगे जहां महाशिवरात्रि और सावन के सोमवार में लाखों लोग पूजा कर सकेंगे.

लाखो श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है शिवपुरीधाम

शिवपुरी धाम में पहले केवल प्राचीन धुना (छोटा मंदिर) हुआ करता था. इसके बारे में बताया जाता है कि वह 500 से 1000 साल पुराना है. राज परिवार की जमीन धुना के आसपास थी. उन्होंने ही इस जमीन को सप्रेम भेंट मंदिर के लिए दी है. साल 1986 में ही उन्होंने राज परिवार से जमीन लेकर 525 शिवलिंग स्थापना करने की शुरूआत कर दी. उनका देहांत 1987 में हो गया था. जिसके बाद सनातन पुरी महाराज ने इसकी कमान संभाली और मंदिर में शिवलिंग स्थापना 2007 में शुरू हुई. यहां पर 525 शिवलिंग स्थापित कर दिए. जिसके बाद यह अनूठा धाम बन गया और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था यहां से जुड़ गई है.


क्या कहा सनातन पुरी महाराज ने?

सनातन पुरी महाराज का कहना है कि कोटा शिक्षा नगरी है. यहां कई प्राचीन मंदिर हैं. शिक्षा नगरी अब धार्मिक नगरी की ओर अग्रसर है. सनातन धर्म की जड़ मंदिर है. यह महाराज राणा रामपुरी की कृपा से ही हो रहा है. यहां पर 525 शिवलिंग विराजमान हैं भोलेनाथ के स्वरूप के दर्शन के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु पूजा, रुद्राभिषेक, प्रार्थना, वंदना और परिक्रमा करते हैं. उन्होंने कहा कि पूजा-अर्चना से श्रद्धालु के जीवन में खुशहाली आती है. पूजा हमारे सनातन धर्म का आधार है.

Mayur Rawal
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Mayur Rawal is born and brought up in Jaipur, Rajasthan. He is Content Writer in tech, entertainment and sports. He has experience in digital Platforms from 3 years. He has obtained the degree of Bachelor of Journalism and Mass Communication in 2018 from CCS University of Rajasthan Jaipur . official email :- [email protected] Administrator & Author at Viral India Today. Our enthusiasm for writing never stops Phone : +919509305134

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