हम अपनी रोज की दिनचर्या में अनेक छोटे-बड़े उतार-चढ़ाव देखते हैं, समय के अनुसार हमारे जीवन में एक छोटा सा बदलाव ही हमारी दैनिक जीवन पर बहुत प्रभावशाली होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है, प्रत्येक मनुष्य के जीवन में घड़ी का विशेष महत्व है। घड़ी को सही दिशा में लगाना बहुत आवश्यक होता है अगर घड़ी को सही दिशा में ना लगाया जाए तो यह शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से नकारात्मक प्रभाव डालती है साथ ही जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घड़ी को लगाने के लिए दो दिशाओं को शुभ माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार घड़ी को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना शुभ माना गया है जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक दृष्टिकोण अच्छा बना रहता हैं, पूरब दिशा में घड़ी लगाना अत्यंत ही शुभ माना गया है जिससे घर में खुशियों का आगमन होता है और कारोबार में खूब तरक्की मिलती है । उत्तर दिशा को महालक्ष्मी का स्थान माना गया है जिससे खूब धन धान्य बढ़ता है और कारोबार में उन्नति मिलती है। ज्योतिषी के अनुसार गोल घड़ी को लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से दक्षिण और पश्चिम दिशा को घड़ी लगाने के लिए अशुभ माना गया है दक्षिण दिशा ठहराव की दिशा होती है,जो कि नकारात्मक प्रभाव डालती है। घर में कभी भी टूटी फूटी या रुकी हुई घड़ी को नहीं रखना चाहिए।
रुकी हुई घड़ी को अत्यंत ही अशुभ माना गया है जिस घर में रुकी हुई घड़ी होती है उस घर में दरिद्रता आती है, साथ ही घड़ी को कभी दरवाजे पर नहीं लगाना चाहिए जो व्यक्ति उसके नीचे से गुजरता है उस पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। रुकी हुई घड़ी को घर में रखने से दरिद्रता बढ़ती है और साथ ही समय का विपरीत प्रभाव पड़ता है। घड़ी को हमेशा साफ सुथरा और सही दिशा में लगाना बहुत जरूरी माना गया है। अगर घड़ी को सही दिशा में नहीं लगाया जाए तो अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
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