हिन्दू धर्म में पाप मुक्ति के अनेक रास्ते है, अगर हमने जीवन में किसी तरह का पाप किया है तो उसका हल हमें हिन्दू धर्म के अनेक शास्त्रों में मिल जाता है। पाप मुक्ति के लिए इंसान क्या नहीं करता लेकिन कहते है की ‘गायत्री मन्त्र’ अकेला सभी पापों का नाश करने में सक्षम है। अगर हम गायत्री मन्त्र का जप सही से करें तो जीवन में आने वाली सभी परेशानियाँ खत्म हो जाते है एंव पूर्व में किये गये पापों का नाश होता है।
अगर आप अपने पापों से छुटकारा चाहते है तो दिन में या महीने में कम से कम 9 मालाओं का जप करें। कहते है की 9 माला गायत्री मन्त्र जप करने से 9 महीने के पाप नष्ट होते है। खैर आज हम यहाँ आपको गायत्री मन्त्र के जप में होने वाली कुछ गलतियों के बारें में बताने वाले है। अक्सर हम गायत्री मन्त्र का जप तो करवाते है लेकिन, हमसे कुछ भूल हो जाती है और गायत्री मन्त्र का फल हमें नहीं मिलता है यह गलतियाँ क्या है आइये जानते है।
गायत्री मन्त्र के जप में ध्यान रखने वाली बातें
- गायत्री मन्त्र का जप कभी जोर-जोर से नहीं करना चाहिए।
- मौन रहकर गायत्री मन्त्र का जप करने से अच्छा फल मिलता है।
- गायत्री मन्त्र का जप किसी पंडित या विद्वान के कहे अनुसार करें।
- रात्रीकाल में कभी भी गायत्री मन्त्र का जप ना करें।
- तुलसी या चन्दन की माला ही गायत्री मन्त्र के लिए उपयुक्त है।
- गायत्री माता की तस्वीर के सामने बैठकर माला वाले हाथ को ढककर ही गायत्री मन्त्र का जप करें।
- गायत्री मन्त्र का जप करते वक्त माहौल बिलकुल शांत होना चाहिए।
- कभी भी घर में गायत्री मन्त्र का जप करवाना हो तो घर के सभी लोग अगर राजी है तभी गायत्री मन्त्र का जप करवाएं।
- ब्राह्मण अगर गायत्री मन्त्र का जप कर रहा है तो उसे किसी भी तरह की घर में परेशानी ना होने देंवे।
पाप मुक्ति के लिए कर सकते है आप गायत्री मन्त्र का जप ऐसे
अगर आप पाप मुक्ति के लिए गायत्री मन्त्र का जप करवा रहे है या स्वंय कर रहे है तो दिन में तीन समयों में से कोई एक समय चुने आप ब्रह्ममहूर्त में गायत्री मन्त्र जप शुरू करें। इससे अच्छा फल मिलता है और आप ज्यादा नहीं तो 3 माला या 9 माला जप कर सकते है। जब भी आपको समय मिले या फिर हर रोज आप जल्दी उठकर गायत्री मन्त्र का जप करें। इससे आपको पाप और रोग से छुटकारा मिलेगा।