समाज में आए दिन
दहेज उत्पीड़न के गंभीर किस्से सुनाई पड़ते हैं। अधिकतर किस्सों में इस उत्पीड़न में सास-ससुर की भागीदारी अधिक होती है। मगर आज हम आपको एक ऐसे सास-ससुर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने समाज की इस मानसिकता को दूर कर एक नई मिसाल कायम की है।
क्या है पूरा मामला?
मामला मध्य प्रदेश के एक परिवार का है जहां एक सास ससुर ने अपनी बहू को बेटी माना और अपनी विधवा बहू की धूमधाम से दोबारा शादी भी करवाई। मध्य प्रदेश के रहने वाले ऋषभ जैन के बेटे मोहित जैन के देहांत के बाद ऋषभ और उनकी पत्नी सरला जैन ने अपनी विधवा बहू सोनम जैन की दोबारा शादी करवाई। सोनम ने अपना धर्म निभाते हुए पति की खूब सेवा की थी लेकिन जब बिमारी के चलते मोहित का देहान्त हो गया तो मोहित के जाने के बाद सोनम तन्हा हो गई थी। जिसके कारण ऋषभ और सरला ने सोनम की दूसरी शादी करवाने का निश्चय किया।
किस से हुई शादी?
ऋषभ और सरला ने बहू सोनम की शादी नागदा के रहने वाले सौरभ जैन के साथ संपन्न कराई है। यह शादी लॉकडाउन के वक्त हुई। जिसके दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का खासा पालन करते हुए शादी में केवल परिवार और नजदीकी रिश्तेदार ही शामिल हुए। साथ ही शादी किसी आलीशान होटल के स्थान पर सोनम की पति के मामा के घर से ही संपन्न हुई।
शादी की सारी रस्में सोनम के सास ससुर ने ही सकुशल तरीके से पूर्ण की। उसे बेटी का सम्मान देते हुए खुशी खुशी विदा किया।
सास सरला जैन का कहना है कि
उन्होंने बहू सोनम की शादी इस वजह से करवाई है क्योंकि उन दोनों की अब उम्र अधिक हो चुकी है और अभी इसके सामने उसकी पूरी ज़िन्दगी है और इसे अकेले गुजरपाना काफी मुश्किल होगा इसके चलते उन्होंने अपनी बहू को अपनी बेटी मानकर उसकी शादी करवाई है।