चंडीगढ़ राम दरबार कोर्ट में पिछले 3 सालों से एक केस चल रहा था यह केस एक महिला ट्यूटर पर था। एक छात्र के घर वालों ने महिला पर आरोप लगाया की वह ट्यूशन के नाम पर उनके लड़के के साथ गलत करती है इस आरोप लगाये अब तीन साल हो चुके है उस वक्त उस महिला की उम्र करीब 34 वर्ष रही होगी और बच्चा उस वक्त 14 वर्ष का था।
आइये जानते है पूरा मामला क्या है और आखिर कैसे महिला की चोरी पकड़ी गई और कैसे बच्चे ने अपने साथ हुए गलत की जानकारी अपने घर वालों को दी।
ट्यूशन के लिए जाते थे बच्चे
छात्र के घर वालों ने बताया की बच्चों को स्कूल के बाद ट्यूशन लगाया हुआ था घर वालों को पढाने का समय नहीं था तो बहन और भाई दोनों को मैडम के पास ट्यूशन के लिए भेज देते थे। कुछ दिन बाद टीचर ने छात्र के साथ जाने वाली बहन को ट्यूशन से हटा दिया उसने कहा की यह छात्र को पढने नहीं देती है।
घर वालों ने लड़की को कहीं और ट्यूशन लगा दिया और छात्र को वहीँ मैडम के साथ रखा और कुछ ही दिनों बाद मैडम ने बायोलोजी शुरू करी दी। मैं यहाँ स्पष्ट तो कुछ नहीं लिख पाऊंगा चूँकि यह शिक्षिका थी।
8 महीने पढाई बायोलोजी और फिर पता चला
ट्यूशन टीचर छात्र पर इतनी फ़िदा हो गई की उसने अपने पास आने वाले सभी बच्चों को छुट्टी दे दी और सिर्फ एक बच्चे को पढाने में अपना पूरा समय लगा दिया अब तो ट्यूशन टीचर बच्चे को एक नहीं दो नहीं करीब चार घंटे तक पढाने लगी।
घर वालों को लग रहा था की बच्चा पढ़ रहा है लेकिन बच्चे को तो ज्ञान कुछ अलग ही मिल रहा था लेकिन बच्चा काफी परेशान रहने लगा और घर वालों ने जब कारण पूछा तो उसने कहा की अब वह मैडम के पास पढने नहीं जाएगा।
बहुत हुई पढ़ाई मैडम का खुला राज
जब बच्चे ने घर पर बताया की मैडम उसे गणित पढाने की जगह बेडपर और ही कुछ ज्ञान दे रही है तो सब समझ गये और बच्चे ने अपने साथ हुई कुछ चैट्स भी घर वालों को दिखा दी उसके बाद घर वालों ने मैडम पर केस दर्ज कर दिया और यह करीब 2018 की बात है आज चंडीगढ़ कोर्ट ने महिला टीचर को सजा सूना दी है।
10 साल की सजा और 10 हजार रूपए जुर्माना लगाया गया है महिला टीचर की आशिकी इतनी भारी पड़ी की अब वह करीब 10 साल तक जेल में रह सकती है। पोस्को एक्ट के तहत अब महिला को सख्त सजा मिली है और ऐसा होना भी चाहिए ताकि किसी के साथ इस तरह का गलत काम ना हो। खबरों से बने रहने के लिए हमें फॉलो करें।