हिन्दू धर्म के सबसे ज्यादा लोग भारत में रहते है इसलिए भारत को हिन्दुस्तान भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में श्री राम को मानने वाले हर कोई है लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है जहाँ पर हिन्दू होकर भी लोग श्री राम की पूजा नहीं करते है वह श्री राम को न मानकर रावण की पूजा करते है और दिवाली के दिन भी रावण को मनाते है।
माना जाता है की यहाँ के लोग अपनी नीतियों में आज तक कोई बदलाव नहीं लेकर आये है यह गाँव राजस्थान के जोधपुर के नजदीक पड़ता है। आइये जानते है पूरी जानकारी क्यों आखिर यहाँ लोग दशहरा और दिवाली नहीं मनाते है –
मंडोर में नहीं मनाई जाती दिवाली
माना जाता है की रावण की पत्नी मंदोदरी राजस्थान के मंडोर की थी इसलिए यहाँ पर रावण को जंवाई माना जाता है और उसके मरन दिन यानी दशहरा के दिन यहाँ पर रावण की पूजा करी जाती है।
यहीं पर श्रीमाली ब्राह्मण है जो खुदको रावण के वंशज मानते है वह लोग कभी भी दिवाली नहीं मनाते हैं यहाँ तक की वह रावण का पिंडदान भी करते है और श्राद्ध के समय में रावण के लिए विशेष पूजा करते है।
मंडोर और जोधपुर में है इन ब्राह्मणों की बहुत संख्या
माना जाता है की जब रावण मंडोर शादी करने के लिए आया तो बारात में गोधा गौत्र के श्रीमाली ब्राह्मण भी उनके साथ आये थे लेकिन रावण चला गया और यह ब्राह्मण यहाँ पर रह गये उसके बाद यहाँ पर यह ब्राह्मण रावण की पूजा करते और अपने इष्ट रावण को ही मानते थे।
माना जाता है की उन्ही ब्राह्मणों के वंशज आज भी दिवाली नहीं मनाते है और श्री राम की जगह रावण की पूजा करते है वह श्री राम को मानते है लेकिन दिवाली पर वह रावण को अधिक महत्व देते है।
अपने इष्ट को अराध्य मानते है ब्राहमण
श्रीमाली ब्राह्मणों के अनुसार वह अपने इष्ट रावण को मानते है चूँकि वह उनके कुल के है और वह श्री राम को भी अराध्य मानते है लेकिन दिवाली पर वह श्री राम की जगह रावण की पूजा का महत्व रखते है उनके अनुसार उन्हें वरदान है की उन्हें रावण की पूजा करनी चाहिए और उनके पूर्वज भी ऐसा करते थे तब से लेकर अभी तक ऐसा ही चल रहा है।
हालाँकि वह सनातनी है और हिन्दू धर्म को बहुत मानते है और इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता की रावण शिव भक्त थे और उनके जैसा कोई भक्त आज तक हुआ नहीं है। ऐसी ही रोचक जानकारी के लिए हमें फॉलो करें ताकि आपको ऐसी जानकारी हर रोज मिलती रहे।